बवासीर के लिए कौन-कौन से घरेलू उपाय सबसे प्रभावी हैं?
पाइल्स के लिए निम्नलिखित संभावित जोखिम कारक हैं जो किसी व्यक्ति को रोग विकसित होने की अधिक संभावना में डाल सकते हैं:
इसमें भी असहनीय पीड़ा होती है, और रोगी दर्द से छटपटाने लगता है। मलत्याग करते समय, और उसके बाद भी रोगी को दर्द बना रहता है। वह स्वस्थ तरह से चल-फिर नहीं पाता, और बैठने में भी तकलीफ महसूस करता है। इलाज कराने से यह समस्या ठीक हो जाती है।
मदरलव ऑर्गेनिक रॉयड बाम: विशेष रूप से यह गर्भवती महिलाओं के लिए एक ऑइंटमेंट है।
अगर समस्या लंबे समय तक बनी रहे या खून आना बढ़ जाए तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है.
क्या आयुर्वेदिक उपचार बवासीर का स्थायी इलाज कर सकता है?
थेना नेचुरल वेलनेस: यह सिट्ज बाथ के लिए उपयोग की जाती है।
रात में सोने से पहले एक चम्मच अरंडी का तेल गर्म पानी के साथ लें। यह कब्ज को दूर करता है और मल त्याग को आसान बनाता है।
अपने भोजन में हींग को शमिल करने से आपका पाचन सिस्टम सही बना रहता है और डाइजेस्टिव हेल्थ अच्छी बनी रहती है। हींग पाइल्स को ठीक करने में भी काफी योगदान देती है। हींग का सेवन आप अपनी सब्जी में डालकर या पानी में घोलकर कर सकते हैं।
रोगी डॉक्टर से सलाह लेने जा सकते है अगर वह अनुभव करता है:
बवासीर में तुरंत आराम पाने के लिए क्या करें?
खान-पान की आदतें, कब्ज, मसालेदार खाना और शराब-सिगरेट जैसी चीज़ें इसके बड़े कारण हैं. डॉक्टर मानते हैं कि समय रहते अगर इलाज और लाइफस्टाइल में बदलाव किया जाए तो इससे आसानी से राहत मिल सकती है. आइए समझते हैं बवासीर के लक्षण, कारण और बचाव के तरीके.
इंटरनल वाले शुरू में आसानी से नज़र नहीं आते, लेकिन खून click here निकलने पर पता चलता है. वहीं बाहरी बवासीर में गुदा के पास गांठ जैसी सूजन दिखती है जो दर्द और जलन देती है.
भोजन में घी, दूध और कद्दू का उपयोग करें।